“डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी”

dr apj abdul kalam

Dr. APJ Abdul Kalam

भारत रत्न और भारत का अनमोल हीरा कहलाने वाले “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम” का पूरा नाम “अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम” है।

जन्म 

अब्दुल कलाम का जन्म मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ। रामेश्वरम (तमिल नाडु) के एक छोटे से गाँव “धनुषकोडी” में 15 अक्टूबर 1931 को इनका जन्म हुआ था। जहाँ वे रहते थे उस गली का नाम मस्जिद वाली गली था जोकि एक प्राकृतिक और मनोहारी स्थान है। इनका घर वहाँ के मशहूर मंदिर से केवल 10 मिनट की पैदल दूरी पर था। उस समय में कसबे की कुल आबादी 50,000 थी।

 

कद काठी 

अब्दुल कलाम साधारण माता पिता के एक होनहार बालक थे। इनका कद 5 फ़ीट 4 इंच और वजन लगभग 60 किलोग्राम था। आँखों का रंग कला और बाल सफ़ेद काले मिले जुले थे। इनकी राशि तुला थी। वे खाना कभी केले के पत्ते पर तथा कभी कांच की प्लेट में खाना पसंद करते थे।

 

परिवार 

अब्दुल कलाम के पिता का नाम “जैनुलाब्दीन मारकयर” था। जोकि एक नावक थे और उन्होंने ज्यादा शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। पर वे अपने नियमों के पक्के और उदार स्वाभाव के थे। उनके दिन की शुरुवात सुबह 4 बजे नमाज़ पढ़ने के साथ होती थी। फिर नारियल तोड़ने का काम करते थे जिसके बाद वे यात्रियों को अपनी नौका के ज़रिये रामेश्वरम से धनुषकोडी ले जाया करते और वापिस लाया करते थे।

डॉ कलाम के पिता ने ही उन्हें ईमानदारी और अनुशासन की सीख दी। पूरा परिवार सूर्यदेव के दर्शन में विश्वास रखता था। पिता का 1976 में 102 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

अब्दुल कलाम की माता का नाम “अशिअम्मा” था जोकि एक सुघड़ गृहणी थी। इन्होंने ही अब्दुल कलाम को अच्छाई में विश्वास का पाठ पढ़ाया। 93 वर्ष की उम्र में वे इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उस समय डॉ कलाम एस एल वी 3 (SLV-3) के उड़न परिक्षण में शामिल होने के लिए फ्रांस रवाना हो रहे थे।

 

भाई बहन

अब्दुल कलाम कुल 5 भाई बहन थे। इन सब में कलाम सबसे छोटे थे। कासिम मुहम्मद, मुस्तफा कमाल, मुहम्मद  मुथु मीरा लेब्बाई मरैकयर, ये तीन भाई और सबसे बड़ी बहन जिनका नाम असीम जोहरा था। बहन की शादी अहमद जलालुद्दीन से हुई थी। वे कलाम से 15 साल बड़े थे और वे इन्हें आज़ाद नाम से पुकारते थे। बचपन में अब्दुल कलाम के जीजा इन्हें अंग्रेजी पढ़ाया करते थे।

वहीं कलाम के चाचा का लड़का जिस का नाम शम्सुद्दीन था उनका प्रभाव कलाम के जीवन पर बहुत पड़ा क्योंकि यही भाई अख़बार बांटने का काम करता था और अब्दुल कलाम ने सबसे पहली कमाई इसी भाई के द्वारा ही कमाई थी जोकि अख़बारों को इकठा करने का काम था। अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का काम भी किया था।

ख़ास मित्र 

रामानंद शास्त्री, अरविंदन और शिवप्रकाश बचपन के घनिष्ट मित्र थे। बचपन में इन्हें बैडमिंटन खेलना पसंद था। 

 

शिक्षा

प्रारंभिक पढ़ाई – अल्मा मैटर मण्डयम पंचायत यूनियन मिडिल स्कूल में कलाम ने दूसरी कक्षा तक पढाई की। इसके बाद कलाम अपनी हाइ स्कूल की पढ़ाई के लिए रामनाथपुरम चले गए, जहां Schwartz Higher Secondary School में मैट्रिक पास की।

कॉलेज – 1950 के बाद इंटरमीडिएट की पढाई के लिए कलाम तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में BSc में दाखिला लिया। इसके बाद कलाम ने एमआईटी (Madras Institute of Technology) में एयरोनोटिकल इंजीनियरिंग की पढाई की।

 

वैज्ञानिक जीवन

1960 में स्नातक स्तर की शिक्षा पूरी करने के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) के वैज्ञानिकी विकास प्रतिष्ठान में एक वैज्ञानिक के तौर पर कदम रखा। जिसके बाद भारतीय राष्ट्रिय समिति के रूप में जाने माने एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ साराभाई के साथ काम किया।

इस दौरान डॉ कलाम ने DRDO में एक छोटा होवरक्राफ्ट डिजाइन कर अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने भारतीय सेना के लिए एक छोटा सा हेलीकॉप्टर तैयार किया। 1965 में DRDO में उन्होंने स्वतंत्र रूप से एक विस्तार योग्य रॉकेट परियोजना पर स्वतंत्र रूप से काम करना शुरू किया था।

1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) से जुड़कर प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए पहला स्वदेशी उपग्रह SLV-3 को लॉंच किया तथा स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिज़ाइन किया जिससे ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइल भारतीय तकनीक से बनी। यह विश्व में उभरते भारत की एक बड़ी सफलता थी।

1970 के दशक में उन्होंने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) को विकसित करने के उद्देश्य से एक प्रयास किया जिससे भारत अपने भारतीय रिमोट सेंसिंग (IRS) उपग्रह को Sun-Synchronous कक्षा में लॉन्च कर सके। PSLV परियोजना सफल रही और 20 सितंबर 1993 को यह पहली बार लॉन्च किया गया।

वैज्ञानिक जीवन 

सन 1970 से 1990 तक एसएलवी-3 और ध्रुवीय एसएलवी की परियोजनाओं के विकास में डॉ अब्दुल कलाम के प्रयास काफी सफल साबित हुए।

भारत को बैलेस्टिक मिसाइल और लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन्हें “मिसाइल मैन” (Missile Man) का नाम दिया गया। सन 1998 में पोखरण में हुए परमाणु शक्ति के सफल प्रयोग कर अब्दुल कलाम ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न बनाया।

1998 में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सोमा राजू  के साथ मिलकर डॉ कलाम ने एक कम लागत वाली कोरोनरी स्टेंट विकसित किया था। जिसे बाद में “कलाम-राजू स्टेंट” नाम दिया गया था। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक टैबलेट पीसी भी डिजाइन किया गया था जिसे की “कलाम-राजू टैबलेट” नाम दिया गया।

Dr. APJ Abdul Kalam को विभिन्न अवार्ड्स से सम्मानित किया गया

1981 में भारत सरकार द्वारा पदम् भूषण
1990 में भारत सरकार द्वारा पदम् विभूषण
1997 में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न
1998 में भारत सरकार द्वारा वीर सावरकर पुरुस्कार
2007 में ब्रिटेन रॉयल सोसाइटी द्वारा किंग चार्ल्स II मैडल से सम्मानित
2008 में सिंगापुर के नान्यांग तकनिकी विश्व विद्यालय से डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग की उपाधि
2009 में अमेरिका  ASME फाउंडेशन द्वारा हूवर मैडल से सम्मानित
2010 में वॉटरलू विश्व विद्यालय, कनाडा द्वारा डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग की उपाधि
2013 में वॉन ब्रौन पुरुस्कार से सम्मानित
2014 में एडिन बर्ग विश्व विद्यालय ब्रिटेन द्वारा डॉक्टर ऑफ़ साइंस की उपाधि
2014 में बीजिंग यूनिवर्सिटी चीन, द्वारा Honorary Professor का सम्मान
2015 में संयुक्त राष्ट्र ने डॉ. अब्दुल कलाम के जन्मदिन को “विश्व छात्र दिवस” ​​के रूप में मान्यता दी

अवार्ड्स:

सिर्फ यही नहीं डॉ. कलाम की मृत्यु के पश्चात् तमिलनाडु सरकार ने उनके जन्मदिवस यानि 15 अक्टूबर को राज्य भर में “युवा पुनर्जागरण दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

वहीं राज्य सरकार ने उनके नाम पर “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार” की स्थापना की थी। इस पुरस्कार के तहत 8 ग्राम का स्वर्ण पदक व 5 लाख का नगद दिया जाता है। जो लोग वैज्ञानिक विकास, मानविकी और छात्रों के कल्याण को बढ़ावा देने का काम करते हैं उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

वहीं 15 अक्टूबर, 2015 को डॉ. कलाम  के जन्म की 84वीं वर्षगांठ पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नई दिल्ली में डीआरडीओ भवन में डॉ. कलाम की याद में डाक टिकट जारी किया था।

इनसब उपाधियों के अलावा भी डॉ अब्दुल कलाम को भिन्न भिन्न स्थानों पर समय समय पर सम्मानित किया गया।

 

राष्ट्रपति पद ग्रहण 

भारत के इतिहास का चमकता सितारा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जिन्होंने युवाओं को भी बहुत प्रेरित किया, बतौर वैज्ञानिक इन्होंने देश को ऊँची उड़न तो दी ही साथ ही राष्ट्रपति के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान की।

पढ़ें कविता “फौजी”

उस दौर में अटल बिहारी वाजपयी के हाथों में भारत के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी थी। तब अटल बिहारी वाजपयी का अब्दुल कलाम को फ़ोन आया और उन्होंने कलाम से कहा कि “अभी अभी एनडीए की सभी राजनीतिक पार्टी के नेताओं की विशेष बैठक ले कर आ रहा हूँ । उस में यह निर्णय लिया गया कि भारत के राष्ट्रपति के रूप में डॉ कलाम की ज़रूरत है।”

निर्वाचन मंडल भारत के राष्ट्रपति का चुनाव करता है। चुनाव हुआ और अपनी प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को राष्ट्रपति पद के लिए बहुत अधिक वोटों से पराजित किया। 25 जुलाई 2002 में उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई।

के.आर. नारायणन के बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति पद पर कार्य किया। राष्ट्रपति भवन में रहने वाले वह पहले अविवाहित व वैज्ञानिक थे जोकि राष्ट्रपति पद पर विराजमान हुए।

Dr. APJ Abdul Kalam द्वारा लिखी गई पुस्तकें 

  • इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (India 2020: A Vision for the New Millennium) (1998)
  • विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी (Wings of Fire: An Autobiography) (1999)
  •  इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया (Ignited Minds) (2002)
  • द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (The Luminous Sparks: A Biography in Verse and Colours) (2004)
  •  मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ (Mission of India: A Vision of Indian Youth) (2005)
  •  इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिज (Inspiring Thoughts: Quotation Series) (2007)
  • यू आर बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियोंड (You Are Born to Blossom: Take My Journey Beyond) (सह-लेखक: अरूण तिवारी) (2011)
  •  द साइंटिफिक इंडियन: ए ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी गाइड टू द वर्ल्ड अराउंड अस (The Scientific India: A Twenty First Century Guide to the World Around Us) (सह-लेखक: वाई. एस. राजन) (2011)
Books written by Dr. APJ Abdul Kalam
  •  टारगेट 3 बिलियन (Target 3  Billion) (सह-लेखक: श्रीजन पाल सिंह) (2011)
  • टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजेस (Turning Points: A Journey Through Challenges) (2012)
  •  माई जर्नी: ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इन्टू एक्शंस (My Journey: Transforming Dreams into Actions) (2013)
  • मैनीफेस्टो फॉर चेंज (Manifesto For Change) (सह-लेखक: वी. पोनराज) (2014)
  • फोर्ज योर फ्यूचर: केन्डिड, फोर्थराइट, इन्स्पायरिंग (Forge Your Future) (2014)
  • बियॉन्ड 2020: ए विजन फॉर टुमोरोज इंडिया (Beyond 2020: A Vision for Tomorrow’s India) (2014)
  •  गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया (Governance for Growth in India) (2014)
  • रिग्नाइटेड: साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर (Reignited: Scientific Pathways to a Brighter Future) (सह-लेखक: श्रीजन पाल सिंह) (2015)
  • द फैमिली एंड द नेशन (The Family and the Nation) (सह-लेखक: आचार्य महाप्रज्ञा) (2015)
  • ट्रांसेडेंस माई स्प्रिचुअल एक्सपीरिएंसेज (Transcendence My Spiritual Experiences) (सह-लेखक: अरूण तिवारी) (2015)

Dr. APJ Abdul Kalam  का अंतिम समय 

27 जुलाई 2015 को मेघालय के शिलांग में जब डॉ कलाम IIM में लेक्चर दे रहे थे वहीं पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा। तत्काल उन्हें अस्पताल लेजाया गया लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा पाए। एक महान वैज्ञानिक, गंभीर विचारक व अद्भुत इंसान दुनिया को अलविदा कह गया था।

28 जुलाई को उनके पार्थिव शरीर को वहां से दिल्ली लाया गया। यहाँ सभी बड़े नेताओं व आम जनता ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद अंतिम विदाई के लिए उनके पैतृक गांव रामेस्वरम लेजाया गया तथा 30 जुलाई 2015 को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार किया गया।

दक्षिण भारत के छोटे से गाँव में साधारण से परिवार में जन्म लेकर आसमान की ऊंचाइयों को छूने वाले डॉ अब्दुल कलाम आज भी प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं।

पढ़ें –“डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरक विचार| Quotes of Dr. APJ Abdul Kalam” 

Dr. APJ Abdul Kalam

Priyanka G

Writer | VO Artist | TV Presenter | Entrepreneur

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6 Responses

  1. T.k says:

    Knowledgeable story

  2. Harmesh Gupta says:

    Good

  3. Ricky says:

    Nice motivation

  4. Nitin Mittal says:

    Nice 👌👌

  5. askahy says:

    akshay very informative

  6. misskakul14 says:

    Nice information about Sir Abdul Kalam
    – Saiyeda tb

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