“रक्त दान महा दान”
Blood Donation
Blood Donationइंसान ने विज्ञान के क्षेत्र में बहुत अविष्कार किए, सफलता हासिल की। दुनिया को कहाँ से कहाँ पहुँचाया। लेकिन अभी भी कुछ प्राकृतिक चीज़े ऐसी है जिसको विज्ञान भी अभी तक बना नहीं पाया है। उनमें से एक है “रक्त“। आज भी विज्ञान को किसी प्राणी को बचाने के लिए अगर रक्त की ज़रूरत पड़ती है तो दूसरे स्वस्थ जीव से ही लेता है। यह किसी लैब में तैयार नहीं होता। यह केवल ईश्वर की अद्भुत रचना है।
इसीलिए रक्त की पूर्ति के लिए स्वस्थ व्यक्तियों से रक्त लिया जाता है, जिसके लिए समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं। यही कारण है कि रक्त दान को महा दान भी कहा गया है क्योंकि इसके किसी की जान बच सकती है।
रक्त है क्या !? blood donation
हमारे शरीर में एक तरल द्रव है, जोकि वाहिनियों (blood vessel) के अंदर शरीर के अलग-2 सभी अंगों में लगातार बहता रहता है। प्रवाहित अर्थात बहने वाला यह एक गाढ़ा, चिपचिपा लाल रंग का द्रव्य होता है जिसे कि रक्त कहते हैं। यह एक जीवित उत्तक ((tissue) है। यह जीवित उत्तक दो पदार्थों से मिलकर बनता हैं।
- रक्त कण (Blood Count)
- प्लाज़्मा (Plasma)
रक्त कण जीवित उत्तक हैं जब कि प्लाज़्मा एक निर्जीव तरल माध्यम है। इसी में रक्त कण तैरते हैं।
कितने प्रकार के होते हैं रक्त कण?
रक्त कण 3 प्रकार के होते हैं।
- लाल रक्त कण (Red blood cells)
- सफ़ेद रक्त कण (White blood cells)
- प्लैटलेट्स (Platelets)
ये तीनों रक्त कण शरीर में अलग अलग कार्य करते हैं।
- लाल रक्त कण श्वसन (respiration/ साँस लेने वाले) अंगों से ऑक्सीजन ले जाकर पूरे शरीर में पहुंचाते हैं।
- सफ़ेद रक्त कण बीमारी पैदा करने वाले हानिकारक तत्वों तथा जीवाणुओं से शरीर की रक्षा करते हैं।
- प्लैटलेट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा करते हैं। और खून बनाने में सहायक होते हैं।
रक्त दान का महत्व
शरीर में प्रतिदिन खून का क्षय होता है तथा नया बनता रहता है। जिसका हमारे शरीर को पता भी नहीं चलता। रक्त ऐसा पदार्थ , द्रव या ये कहे कि ऐसी शक्ति है जिसे कि भगवन के अलावा कोई नहीं बना सकता। रक्त की आवश्यकता विभिन्न परिस्थितियों में किसी को भी पड़ सकती है। किसी भी जरुरतमंद व्यक्ति को रक्त की पूर्ति के लिए दूसरे व्यक्ति से रक्त की आवश्यकता पड़ती है। जिसे कि रक्तदान के ज़रिए ही पूरा किया जासकता है।
ऐसे में किसी को जीवनदान देकर जिस आनंद की अनुभूति होती है उस का मुल्यांकन नहीं किया जासकता।
अपनी इच्छा से रक्तदान करना महादान है। इस दान के लिए न धन चाहिए, न ताकत, न रुतबा केवल बड़ा दिल और मन में किसी का भला करने की दृढ इच्छा हो तो रक्त दान किया जा सकता है।
1 अक्टूबर “स्वैच्छिक रक्तदान दिवस”
भारत में हर वर्ष 1 अक्टूबर को ब्लड डोनेशन डे यानि स्वैच्छिक रक्त दान दिवस मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्त दान दिवस के नाम से जाना जाता है। पहली बार 1975 में 1 अक्टूबर को इंडियन सोसाइटी ऑफ़ ब्लड (Indian Society of Blood Transfusion and Immunohaematology) ने स्वैच्छिक रक्त दान शिविर लगाया था। ये ख़ास दिन मनाए जाने का उदेश्य लोगों में इसके प्रति जागरुकता लाना है। अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
रक्तदान दिवस मनाए जाने का कारण
डॉक्टर्स द्वारा एकत्रित किया गया रक्त सही ढंग से संग्रह किया जाता है। ताकि ज़रूरत के समय इसका उपयोग कर किसी का जीवन बचाया जा सके। क्योंकि मानव शरीर में खून की मात्रा निश्चित है। कभी इसकी कमी होने पर कुछ दवाओं का भी सहारा लेना पड़ता है। फिर भी रक्त की पूर्ति न होने पर रोगी में खून चढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे में दान किया हुआ रक्त किसी को जीवनदान दे सकता है।
कौन कर सकता है रक्तदान blood donation
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से 65 वर्ष के बीच हो। साथ ही पीलिया, मलेरिया, एड्स, मधुमय जैसा अन्य कोई रोग न हो। रक्त दान करने वाले व्यक्ति ने काफी समय से कोई नशीले पदार्थों का सेवन न किया हो।
कौन नहीं कर सकता रक्त दान
प्रसव के 6 महीने बाद तक रक्त दान नहीं किया जा सकता। बच्चे को दूध पिलाने वाली माताएं रक्त दान नहीं कर सकती। रक्तदान करने में 3 महीने का अंतराल जरुरी है। गर्भवती महिलाएं रक्त नहीं दे सकती।
रक्त दान से पहले ध्यान देने योग्य बातें
रक्तदान करने वाले व्यक्ति को अपने भोजन में आयरन की मात्रा पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। पालक, चुकुन्दर, हरी सब्ज़ियां, दूध, आंवला, संतरे इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
रक्त दान करने से तीन घंटे पहले हल्का भोजन करें। रक्त देने के बाद उचित मात्रा में पानी या जूस पीएं।
हमेशा रक्त देने से पहले डॉक्टर की सलाह बेहद आवश्यक है। जहाँ स्वस्थ व्यक्ति का रक्त किसी की जान बचा सकता है वहीं गलती से भी किसी रोगी व्यक्ति का खून किसी की जान जोखिम में डाल सकता है। इसके लिए डॉक्टर्स की टीम को भी बेहद सतर्क रहने की जरुरत होती है। रक्तदान के दौरान सभी को सावधानी बरतकर आगे बढ़ना चाहिए।
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