“आदरणीय कलाम जी”
Dr. Kalam
आदरणीय कलाम जी,
क्यों तुम दुनिया छोड़ गए
विश्व में चमका कर भारत को
सदा के लिए तुम सो गए
हो गए पंचतत्व में विलीन
ख़ैर, प्रकृति का ये नियम है
पर दुनिया के दिलों में
तस्वीर अपनी छोड़ गए
लक्ष्य भेदी विमान का था
डिज़ाइन आपने तैयार किया
बढ़ाई ताकत भारत की
दुनिया को ये दिखला दिया
अंतिम समय तक भी अपना
शिक्षण कार्य था किया
राह दिखाई युवाओं को
देश का भी नाम किया।।
Dr. Kalam
भारत रत्न और भारत का अनमोल हीरा कहलाने वाले “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम” का पूरा नाम “अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम” है।
इनका जन्म मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ। रामेश्वरम (तमिल नाडु) के एक छोटे से गाँव “धनुषकोडी” में 15 अक्टूबर 1931 को इनका जन्म हुआ था। जहाँ वे रहते थे उस गली का नाम मस्जिद वाली गली था जोकि एक प्राकृतिक और मनोहारी स्थान है। इनका घर वहाँ के मशहूर मंदिर से केवल 10 मिनट की पैदल दूरी पर था। उस समय में कसबे की कुल आबादी 50,000 थी।
परिवार
डॉ कलाम के पिता का नाम “जैनुलाब्दीन मारकयर” था। जोकि एक नावक थे और उन्होंने ज्यादा शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। पर वे अपने नियमों के पक्के और उदार स्वाभाव के थे।
अब्दुल कलाम की माता का नाम “अशिअम्मा” था जोकि एक सुघड़ गृहणी थी। इन्होंने ही अब्दुल कलाम को अच्छाई में विश्वास का पाठ पढ़ाया। 93 वर्ष की उम्र में वे इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उस समय डॉ कलाम एस एल वी 3 (SLV-3) के उड़न परिक्षण में शामिल होने के लिए फ्रांस रवाना हो रहे थे।
1960 में स्नातक स्तर की शिक्षा पूरी करने के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) के वैज्ञानिकी विकास प्रतिष्ठान में एक वैज्ञानिक के तौर पर कदम रखा। जिसके बाद भारतीय राष्ट्रिय समिति के रूप में जाने माने एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ साराभाई के साथ काम किया।
डॉ अब्दुल कलाम की पूर्ण जीवनी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- “डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी”
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