“फौजी”
Soldiers
न ज़रूरत अल्फ़ाज़ों की
न कागज़ पर पैगामों की
इक मुस्कराहट ही कर देती है बयां
ख़ुशी दिल ए बागानों की
दिल संजो के बैठा था
जो सब किस्से और
ढेरों करने को बातें
अब होगी बारिश लफ़्ज़ों की
अब तक तो हमने
चुप्पी में ही थे दिन काटे
तुम सरहदों पर करते हो
हिफाज़त देश की
इधर हम तुम्हारी सलामती
की दुआ मांगते हैं
जब सोता है जग सारा
हम रातों को उठ-उठ कर जागते हैं
छलकेगें अभी आंसू
इन आँखों के पैमानों से
दिल छिपा नहीं सकता
कितनी ख़ुशी है
तेरे आने से ।।।
Soldiers
👍👍👍
Bahut khoob
Heart touching. Great👍
Great
👍👍
Very nice👌👌👌
👍👌
very inspiring poem
👍