“छत्त पर आया बन्दर”
Monkey Poem
हमारी छत्त पर आया बन्दर
हम सब डर कर भागे अंदर
दूर दूर से देख रहे थे
इधर उधर को कूद के बन्दर
खाना जो चिड़िया का था रखा
सारा खाना गिराए बन्दर
पानी से भी खेल रहा था
बच्चे भागें बाहर अंदर
कपड़े छत्त पर सूख रहे थे
एक एक कर उठाए बन्दर
सब कपड़ों को नीचे फेंका
एक पहन कर भागा बन्दर
हुड़दंग उसने खूब मचाया
बच्चों को भी खूब हँसाया
।।।
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