“खोलो किताबें”

books

Books

देखो बच्चों खोलो किताबें
ज्ञान उनमें भरा पड़ा है

बेशक आजके ज़माने में इंटरनेट
उँगलियों पर चल पड़ा है

पर फिर भी ज्ञान, विश्वास, प्रेम, मनोरंजन
सब किताबों में गढ़ा पड़ा है

बरसों से थी दोस्ती किताबों से
आज क्यों बच्चे इनसे रूठ रहे हैं

जब से छाया मायाजाल फ़ोन का
पढ़ना किताबें भूल रहें हैं

बस उँगलियों पर चले दुनिया सारी
टिक टिक अंगूठे की शब्दों से यारी

किताबें हमें कईं बातें सिखलाती हैं
नई चीज़ें बतलाती हैं

हैं ये सच्ची दोस्त हमारी
हमसे रूठ कर कहीं न जाती हैं

बेढंग बोल न इनमें होते हैं
न भाषा का अपमान इनमें

सबको देती आदर ज्ञान हैं
हर विषय से जुड़े भंडार हैं इनमें

बेशक सीखों नई-नई तकनीकें तुम
ज्ञान सबसे प्राप्त करो

पर इन प्यारी किताबों का
ना तुम यूँ तिरस्कार करो
।।।

Books

“करना है सपनों को साकार”

Priyanka G

Writer | VO Artist | TV Presenter | Entrepreneur

You may also like...

Verified by MonsterInsights