“चिड़िया | पक्षी”
Chidiya
“चिड़िया”
चिड़िया आई हमारे खेत
खाओ चिड़िया भर कर पेट
सखी सहेली संग में लाओ
जितनी भूख हो उतना खाओ
संग न तुम ले जाती हो
बोरी संग न लाती हो
दाना खाकर उड़ जाओगी
कमी अनाज में न आएगी
।।।
“पक्षी”
पक्षी उड़े आकाश में
अपने पंख फैलाता है
रोज़ वो मेरी छत पर आए
दाना चुग कर खाता है
एक कटोरा पानी रखा
पानी पीकर उड़ जाता है
कभी दबे पाँव वो छत पर घूमें
कभी फुदक फुदक कर चलता है
जब भी इनके पास मैं जाऊँ
डर कर झट उड़ जाता है
।।।
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