“कच्ची हल्दी का पौष्टिक अचार”
Kachi Haldi Ka Achar
हल्दी हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्युनिटी को बढ़ाती है। कच्ची हल्दी देखने में अदरक की तरह दिखती है जोकि बहुत गुणकारी है। सब्ज़ियों में सूखी पीसी हुई हल्दी का प्रयोग किया जाता है। लेकिन पीसी हुई हल्दी के अलावा कच्ची हल्दी का इस्तेमाल एक औषधि की तरह होता है।
हल्दी सौंदर्य वर्धक भी है। चाहे हल्दी का सेवन करना हो या फिर चेहरे/ तन पर लगाना हो, हल्दी बेहद लाभकारी है।
सर्दियों में दूध में कच्ची हल्दी को उबाल कर लिया जाता है। हल्दी की तासीर गर्म होती है। यह सर्दी ज़ुखाम में लाभदायक होती है।
इसके अलावा सर्दियों में कच्ची हल्दी का अचार भी बनाया जाता है। आइए जानते हैं कैसे बनाते हैं कच्ची हल्दी का अचार ।
अचार बनाने के लिए आप अपनी जरुरत के हिसाब से 500gm या 250gm कच्ची हल्दी ले सकते हैं। हम यहाँ 100gm कच्ची हल्दी लेकर अचार बनाने की विधि बता रहे हैं।
सामग्री :
कच्ची हल्दी – 100gm
आम के अचार का बचा हुआ मसाला – 1/2 कटोरी
Note- इन दो चीज़ों के अलावा अचार बनाने में और किसी मसाले व नमक, मिर्च, हल्दी इत्यादि की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि जो आम के अचार का मसाला बचा हुआ होता है उसमे सभी मसाले उपयुक्त मात्रा में डले हुए होते हैं। इसलिए कच्ची हल्दी का अचार बनाने में इन्हीं दो चीज़ों की ज़रूरत होती है।
Kachi Haldi Ka Achar
विधि :
कच्ची हल्दी को पहले अच्छे से धोकर रख लीजिए।
धोने के बाद जब हल्दी सूख जाए तब चाकु से इसे छील लीजिए।
छीलने के बाद हल्दी को लम्बे व पतले टुकड़ों में काट लें।
ध्यान रहे कि कटी हुई हल्दी में किसी भी तरह से पानी नहीं लगना चाहिए। यानि हल्दी गीली नहीं होनी चाहिए।
अब एक कटोरी में हमारे पास आम के अचार का मसाला है और दूसरी कटोरी में कटी हुई हल्दी।
सूखे हाथों से एक बड़ा बाउल लेकर हल्दी और मसाले को मिक्स कर दीजिए।
इस प्रकार हल्दी का अचार तैयार हो जाएगा। अब आप इसे किसी काँच के जार में रख सकते हैं।
अचार तैयार करने के तीसरे दिन बाद यह खाने योग्य हो जाएगा। और यह अचार हम सालभर रख सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें :Kachi Haldi Ka Achar
किसी भी प्रकार के अचार को सही रखने के लिए ध्यान रखना पड़ता है कि अचार के अंदर गीला चम्मच, कड़छी या गीला हाथ भी नहीं लगना चाहिए। ऐसा होने पर अचार में फंगस लग जाती है।
अचार के जार का ढ़क्कन एयर टाइट होना चाहिए ताकि उसमे नमी न जा सके।
किसी भी तरह के अचार में नमक की मात्रा हमेशा सही होनी चाहिए। अन्यथा नमक की कमी के कारण अचार ख़राब होजाते हैं।
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